पचमढ़ी के घने जंगलों के बीच भगवान शंकर के प्राचीन चौरागढ़ मंदिर का विशेष महत्व है। यहां साल भर भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मंदिर जाने के लिए पहले पचमढ़ी से 10 किलोमीटर का रास्ता वाहन से तय करना पड़ता है। महादेव मंदिर से 3 किमी का पैदल रास्ता तय करने के बाद 1300 सीढ़ियां चढ़ना पड़ता है। यह सिद्ध मंदिर 1326 मीटर ऊंची पहाड़ी पर है। श्रद्धालु मन्नतें मांगकर यहां त्रिशूल भेंट करते हैं।
महादेव मंदिर: महादेव मंदिर पचमढ़ी से करीब 10 किलोमीटर दूर है। यहां एक पवित्र गुफा है। वहां भगवान शंकर के प्राकृतिक शिव लिंग हैं। इस गुफा में साल भर प्राकृतिक स्रोतों से पानी झिरता है। यहां एक प्राकृतिक कुंड भी बना है। मंदिर तक सीधी एप्रोच रोड है। मराठाओं के शासन काल से लोग इस मंदिर में आया करते थे।
जटाशंकर मंदिर: यह पचमढ़ी से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर गुफा है। मंदिर में शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बने हुए हैं। यहां वजनी चट्टान पहाड़ी के बीच लटक रही है। यह भी दर्शनीय है। यहां तक पहुंचने के लिए कुछ दूर पैदल चलना पड़ता है।
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